
क्रैनबेरीज (cranberries) एक लाल रंग का छोटा फल होता है और खाने में इसका स्वाद खट्टा होता है। दुनिया भर में लोग इसे खाना पसंद करते हैं। ये मुख्यतः जूस के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। क्रैनबेरीज सेहत को लेकर भी बहुत अच्छा होता है और हमारे पाचन तंत्र के हर अंग को स्वस्थ रखता है। मूल रूप से अमेरिका के आदिवासियों को इस फल का पता था और उन्होंने सबसे पहले इसका इस्तेमाल खाने के लिए किया, इसके साथ ही वो इसका इस्तेमाल दवाई के रूप में भी करते थे। समुंद्री जहाज़ के लोग इसे स्कर्वी से बचने के लिए खाते थे।
तो आइये जानते हैं क्रैनबेरीज में क्या क्या होता है, एक सामान्य कप में अगर क्रैनबेरीज भर ली जाएँ तो उनमे ये सब होगा।
-46 ग्राम कैलोरीज
-0 ग्राम फैट
-12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स
-4 ग्राम फाइबर
-4 ग्राम शुगर
-1 ग्राम प्रोटीन
-2 मिलीग्राम सोडियम
क्रैनबेरीज में इसी के साथ एंटीऑक्सिडेंट्स और अन्य मिनरल्स भी होते हैं। आइये देखते हैं क्रैनबेरीज के कुछ फायदे।
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Stay fit with these 5 tips of ayurveda: अच्छी लाइफस्टाइल है हम सब की जरुरत , हम सब खुद को फिट एंड स्लिम रखना चाहते है । तो आइये आज आयुर्वेद के इन छोटे छोटे 5 टिप्स से सीखें कैसे खुद को रखें फिट। हमारे शरीर में 60 फीसदी पानी होता है। पानी हमारे शरीर का तापमान नियंत्रित रखता है , पानी से मॉइस्चर लेवल मेन्टेन रहता है । आपको पानी कितनी मात्रा में पीना चाहिए ये निर्भर करता है आप कैसे वातावरण में रहते है । सामान्य तापमान में जरुरी है आप दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी पिए ।Read more: latest hindi news today



वैज्ञानिक इस बात पर भी ध्यान दे रहे हैं कि कुछ मामलों को छोड़कर जो मरीज कोरोना वायरस की वैक्सीन के बिना ठीक हुए हैं उन्हें यह वायरस दोबारा छू भी नहीं रहा है।
पूरी दुनिया कोरोना वायरस की मार झेल रही है। इससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को ही कारगर तरीका बताया गया। इसे प्रभावी ढ़ंग से लागू करने के लिए तमाम देशों ने लॉकडाउन का रास्ता चुना। लेकिन कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कब तक कोरोना वायरस से बचने के लिए छिपकर बैठना होगा। इस बीच चर्चा होने लगी है कि कोरोना वायरस को रोकने के लिए हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने के बार में सोचना चाहिए। कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए तो कोरोना वायरस से मुकाबला करना आसान हो जाएगा।
अमेरिका में पहले मरीजों पर शुरू हुआ कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल
दुनिया भर के कई देश अलग अलग तरीके से कोरोना वायरस का सामना कर रहे हैं। कोई वायरस से बचने के लिए घरों में रहने की सलाह दे रहा है तो कोई घर से बाहर निलकर कोरोना वायरस से लड़ने की बात पर अड़ा है। कोरोना से लड़ने का पहला रास्ता कहता है कि घर पर ही रहो और दूसरा रास्ता कहता है घरों से बाहर निकलो। कहा जा रहा है कि जब तक लोग घरों में हैं तब तक ही ठीक हैं लेकिन जैसे ही वो बाहर निलेंगे तो वायरस उन्हें घेर लेगा। इसलिए इस वायरस का डटकर सामना करने की बात कही जा रही है। जितने ज्यादा लोग संक्रमित होंगे इंसानों के शरीर में वायरस से लड़ने की उतनी ही क्षमता पैदा होगी। इसे ही हार्ड इम्युनिटी कहते हैं।
