
जो धर्म और कृपा का पीछा पकड़ता है, वह जीवन, धर्म और महिमा भी पाता है।
नीतिवचन 21:21
सो कल के लिये चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है॥
मत्ती 6:34
इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो। और अवसर को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं।
इफिसियों 5:15-16
जैसे जल में मुख की परछाई सुख से मिलती है, वैसे ही एक मनुष्य का मन दूसरे मनुष्य के मन से मिलता है।
नीतिवचन 27:19
जो शिक्षा पर चलता वह जीवन के मार्ग पर है, परन्तु जो डांट से मुंह मोड़ता, वह भटकता है।
नीतिवचन 10:17
जो अपने प्राण बचाता है, वह उसे खोएगा; और जो मेरे कारण अपना प्राण खोता है, वह उसे पाएगा।
मत्ती 10:39
यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा।
यूहन्ना 6:35
इसलिये मैं तुम से कहता हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्ता न करना कि हम क्या खाएंगे? और क्या पीएंगे? और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहिनेंगे? क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्त्र से बढ़कर नहीं?
मत्ती 6:25
तब यीशु ने फिर लोगों से कहा, जगत की ज्योति मैं हूं; जो मेरे पीछे हो लेगा, वह अन्धकार में न चलेगा, परन्तु जीवन की ज्योति पाएगा।
यूहन्ना 8:12
जिस के पास पुत्र है, उसके पास जीवन है; और जिस के पास परमेश्वर का पुत्र नहीं, उसके पास जीवन भी नहीं है॥
1 यूहन्ना 5:12
wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc
wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc
wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc
wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc
wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc
wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc
wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc wbijc